Monday, August 29, 2011

Fwd: Acknowledgment Letter



---------- Forwarded message ----------
From: jrlawnhrc <jrlawnhrc@nic.in>
Date: Mon, Aug 29, 2011 at 1:29 PM
Subject: Acknowledgment Letter
To: pvchr.adv@gmail.com


 

Dated: 29.8.2011

 

Case No. 35679/24/72/2011

                                         

    To,                                                       

     Dr. Lenin

     Secretary General - PVCHR

     E-mail Id- pvchr.adv@gmail.com  

 

 

       Sub : -     Complaint regarding deaf & dumb child who was sexually abused by a Constable in Mirzamurad, Varanasi, U.P.

 

 

            With reference to your letter dated 27/8/2011 addressed to the Chairperson of the Commission, I am directed to acknowledge the receipt of the letter. It is being placed before the Commission.

 

            The Case Number, as mentioned above, may kindly be referred to, in future correspondence in the matter.

 

 

Yours faithfully,

 

 

            (A.K. Parashar




--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:-  +91-9935599338

Please Visit :-
www.pvchr.org
www.pvchr.blogspot.com

www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com

Fwd: Acknowledgment Letter



---------- Forwarded message ----------
From: jrlawnhrc <jrlawnhrc@nic.in>
Date: Mon, Aug 29, 2011 at 1:27 PM
Subject: Acknowledgment Letter
To: pvchr.adv@gmail.com


 

Dated: 29.8.2011

 

Case No. 35683/24/48/2011-AD

                                         

    To,                                                       

     Dr. Lenin

     Secretary General - PVCHR

     E-mail Id- pvchr.adv@gmail.com  

 

 

       Sub : -     Complaint regarding frequent deaths of the prisoners in Banaras, Lucknow, Chandvali jails due to improper medical treatment. 

        Sir,

 

            With reference to your letter dated 27/8/2011 addressed to the Chairperson of the Commission, I am directed to acknowledge the receipt of the letter. It is being placed before the Commission.

 

            The Case Number, as mentioned above, may kindly be referred to, in future correspondence in the matter.

 

 

Yours faithfully,

 

 

            (A.K. Parashar




--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:-  +91-9935599338

Please Visit :-
www.pvchr.org
www.pvchr.blogspot.com

www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com

Saturday, August 27, 2011

Fwd: जेलों में धड़ाधड़ मौतें, शासन बेफिक्र - उत्तर प्रदेश !



---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/8/27
Subject: Fwd: जेलों में धड़ाधड़ मौतें, शासन बेफिक्र - उत्तर प्रदेश !
To: upendra_amit2005@rediffmail.com, upendramsw@gmail.com, upendramsw@yahoo.co.in




---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/8/27
Subject: जेलों में धड़ाधड़ मौतें, शासन बेफिक्र - उत्तर प्रदेश !
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
Cc: pvchr.india@gmail.com


सेवा मे,                                                                                                                                               दिनांक :- 27 अगस्त, 2011.
           श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
           राष्ट्रीय मानव अधिकार अयोग,
           नई दिल्ली !
 
विषय:-  जेलों में धड़ाधड़ मौतें, शासन बेफिक्र - उत्तर प्रदेश !
महोदय,
           हम आपका ध्यान जेलों में धड़ाधड़ हो रही मौतें की ओर आकृष्ट कराना चाहुंगा, जिस ओर शासन बेफिक्र है।
 
 
कैदियों की मौतों की मजिस्ट्रेटी व न्यायिक जांच की रिपोर्टे लापरवाही की पोल खोल चुकी हैं। जेल प्रशासन बंदी रक्षकों के सिर ठीकरा फोड़ निवृत्त हो जा रहा है। जेलों में मृत्यु दर बढ़ने पर मानवाधिकार व बंदियों के झंडाबरदार भी चुप्पी साधे पड़े हैं।

जांच रिपोर्टे बताती हैं कि एक ओर तो तमाम माननीय बेवजह अस्पतालों में पहुंच जाते हैं और दूसरी ओर गरीब बंदी इलाज के अभाव में एड़ियां रगड़ कर दम तोड़ देते हैं। इन रिपोर्टो से पता चलता है कि जेलों में अधिकतर मौतें ठीक उसी दिन हो जाती हैं जिस दिन बंदी को जिला-मंडलीय अस्पताल में भर्ती किया जाता है। इतना ही नहीं अक्सर बंदी जेल में ही मर जाता है। उसे मरी हालत में अस्पताल पहुंचा कर जेल प्रशासन चुप्पी साध लेता है।

कम से कम सेंट्रल जेल में बंद रहे मालवीयनगर, बाजारखाला (लखनऊ) के कैदी रवि प्रताप शर्मा की मौत की रिपोर्ट तो यही कहानी बयां कर रही है। रवि की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच में जेल प्रशासन को सतर्कता न बरतने का दोषी बताया गया है लेकिन ताज्जुब यह कि इस मामले में तत्कालीन प्रधान बंदी रक्षक कमलेश कुमार, नंद किशोर व बंदी रक्षक प्रभु नारायण पांडेय के खिलाफ तो परिनिंदा दंड की कार्रवाई स्थानीय स्तर से हो गयी लेकिन जेलर आरसी श्रीवास्तव, डिप्टी जेलर दीपेंद्र यादव, नीरज श्रीवास्तव के खिलाफ सात साल बाद भी कार्रवाई नहीं हो सकी है। यह शासन स्तर से होनी है।

सेंट्रल जेल में दो वर्ष पूर्व हुई सैंतीस वर्षीय सजायाफ्ता मुजरिम मोहम्मद आसिफ की मौत की हाल ही में दाखिल न्यायिक जांच की रिपोर्ट हालांकि किसी को दोषी तो नहीं ठहराती लेकिन बंदियों के इलाज में देरी के मौत का सबब होने की ओर संकेत जरूर करती है। तत्कालीन जेलर एसएन द्विवेदी के बयान में यह बात आयी है कि बैरक में बंद अन्य कैदियों ने आसिफ की मौत के बाद नाराजगी के चलते बैरक बंद कर लिया था।

सेंट्रल जेल में ही हुई चकिया (चंदौली) के जहूर की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2000 रुपये न देने पर इलाज की व्यवस्था नहीं की गयी। इतना ही नहीं रुपये न दे पाने की बात कहने के बाद उसे एक इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद हिचकी आयी और वह मर गया। यह बात हत्या के जुर्म में साथ ही जेल में बंद रहे उसके भाई शकूर खां ने कही है। इसमें उसने जेलर पर मुंह न खोलने के लिए धमकी देने का भी आरोप लगाया लेकिन उसकी बातें अनसुनी कर दी गयीं। सेंट्रल जेल में बंद रहे देवरिया जिले के कैदी छबीला की जांच रिपोर्ट बताती है कि उसकी तबीयत 1 फरवरी 2010 को खराब हुई लेकिन उसे 4 फरवरी को पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने छबीला को मृत घोषित कर दिया।

 

जेलों में बढ़ती मौतों और जवाबदेही का सवाल छिड़ने पर अफसर एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल देते हैं। डॉक्टरों की कमी और अक्सर गारद न मिलने से चिकित्सा प्रबंध ठीक नहीं हैं कह कर आफिसर पल्ला झाड. लेते है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जब सेंट्रल जेल में मात्र 1200 कैदी थे तब 3 डॉक्टर थे। अब कैदी 2400 से ज्यादा और डॉक्टर मात्र 1 है। इस कमी की भरपाई स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे है लेकिन वह मौन है। जेल अफसर चिट्ठी लिखते हैं लेकिन महकमे की नींद नहीं टूटती। जेल कर्मियों को लेकर उठे सवालों पर वह कन्नी काट गये।

अत: महोदय से निवेदन है कि मामला मे त्वरित हस्क्षेप करते हुये मृतक कैदियो के परिजनो को मुआवजा प्रदान कराते हुये शासन - प्रशासन पर न्यायोचित कार्यवाही करने  की कृपा करे !       

 
 (संलग्नक - http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6347335.html                                                                                                                                          

जेलों में धड़ाधड़ मौतें, शासन बेफिक्र

Aug 27, 01:53 am

-मजिस्ट्रेटी व न्यायिक जांचों में आ चुकी है लापरवाही की बात

-मृत्यु दर बढ़ने पर मानवाधिकार व बंदियों के झंडाबरदार भी चुप

वाराणसी, नगर संवाददाता : जेलों में धड़ाधड़ मौतें हो रही हैं, शासन बेफिक्र है। कैदियों की मौतों की मजिस्ट्रेटी व न्यायिक जांच की रिपोर्टे लापरवाही की पोल खोल चुकी हैं। जेल प्रशासन बंदी रक्षकों के सिर ठीकरा फोड़ निवृत्त हो जा रहा है। जेलों में मृत्यु दर बढ़ने पर मानवाधिकार व बंदियों के झंडाबरदार भी चुप्पी साधे पड़े हैं।

जांच रिपोर्टे बताती हैं कि एक ओर तो तमाम माननीय बेवजह अस्पतालों में पहुंच जाते हैं और दूसरी ओर गरीब बंदी इलाज के अभाव में एड़ियां रगड़ कर दम तोड़ देते हैं। इन रिपोर्टो से पता चलता है कि जेलों में अधिकतर मौतें ठीक उसी दिन हो जाती हैं जिस दिन बंदी को जिला-मंडलीय अस्पताल में भर्ती किया जाता है। इतना ही नहीं अक्सर बंदी जेल में ही मर जाता है। उसे मरी हालत में अस्पताल पहुंचा कर जेल प्रशासन चुप्पी साध लेता है।

कम से कम सेंट्रल जेल में बंद रहे मालवीयनगर, बाजारखाला (लखनऊ) के कैदी रवि प्रताप शर्मा की मौत की रिपोर्ट तो यही कहानी बयां कर रही है। रवि की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच में जेल प्रशासन को सतर्कता न बरतने का दोषी बताया गया है लेकिन ताज्जुब यह कि इस मामले में तत्कालीन प्रधान बंदी रक्षक कमलेश कुमार, नंद किशोर व बंदी रक्षक प्रभु नारायण पांडेय के खिलाफ तो परिनिंदा दंड की कार्रवाई स्थानीय स्तर से हो गयी लेकिन जेलर आरसी श्रीवास्तव, डिप्टी जेलर दीपेंद्र यादव, नीरज श्रीवास्तव के खिलाफ सात साल बाद भी कार्रवाई नहीं हो सकी है। यह शासन स्तर से होनी है।

सेंट्रल जेल में दो वर्ष पूर्व हुई सैंतीस वर्षीय सजायाफ्ता मुजरिम मोहम्मद आसिफ की मौत की हाल ही में दाखिल न्यायिक जांच की रिपोर्ट हालांकि किसी को दोषी तो नहीं ठहराती लेकिन बंदियों के इलाज में देरी के मौत का सबब होने की ओर संकेत जरूर करती है। तत्कालीन जेलर एसएन द्विवेदी के बयान में यह बात आयी है कि बैरक में बंद अन्य कैदियों ने आसिफ की मौत के बाद नाराजगी के चलते बैरक बंद कर लिया था।

सेंट्रल जेल में ही हुई चकिया (चंदौली) के जहूर की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2000 रुपये न देने पर इलाज की व्यवस्था नहीं की गयी। इतना ही नहीं रुपये न दे पाने की बात कहने के बाद उसे एक इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद हिचकी आयी और वह मर गया। यह बात हत्या के जुर्म में साथ ही जेल में बंद रहे उसके भाई शकूर खां ने कही है। इसमें उसने जेलर पर मुंह न खोलने के लिए धमकी देने का भी आरोप लगाया लेकिन उसकी बातें अनसुनी कर दी गयीं। सेंट्रल जेल में बंद रहे देवरिया जिले के कैदी छबीला की जांच रिपोर्ट बताती है कि उसकी तबीयत 1 फरवरी 2010 को खराब हुई लेकिन उसे 4 फरवरी को पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने छबीला को मृत घोषित कर दिया।

क्या कहते हैं अफसर

जेलों में बढ़ती मौतों और जवाबदेही का सवाल छिड़ने पर अफसर एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल देते हैं। डीआईजी जेल वीके जैन कहते हैं-डॉक्टरों की कमी और अक्सर गारद न मिलने से चिकित्सा प्रबंध ठीक नहीं हैं। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जब सेंट्रल जेल में मात्र 1200 कैदी थे तब 3 डॉक्टर थे। अब कैदी 2400 से ज्यादा और डॉक्टर मात्र 1 है। इस कमी की भरपाई स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे है लेकिन वह मौन है। जेल अफसर चिट्ठी लिखते हैं लेकिन महकमे की नींद नहीं टूटती। जेल कर्मियों को लेकर उठे सवालों पर वह कन्नी काट गये।

इनसेट

कितने बंदी मरे

वर्ष जिला जेल सेंट्रल जेल

2008 9 17

2009 2 13

2010 7 17

2011 3 12

-------------------

किन्हें मिली राहत

1 : पूर्व सांसद जवाहर व उनके भाई विजय जायसवाल अस्पताल में रहे 9 माह

2 : सुभाष ठाकुर पेशी पर आए और भर्ती हो गये बीएचयू में।

क्या रहा कोर्ट का रुख

1 : कोर्ट के सख्त रुख से सुभाष ठाकुर को बिना डिस्चार्ज कराये पुलिस ले भागी।

2 : कोर्ट जवाहर-विजय को भी तलब करता रहा लेकिन जेल-बीेएचयू के डॉक्टरों की रिपोर्टो ने रोका।

                                            
                                                                                                                          डा0 लेनिन
 
                                                                                                                         
                                                                                                                          (महासचिव)
                                                                                       मानवाधिकार जननिगरानी समिति (पी0वी0सी0एच0आर0)
                                                                                        पता:- सा. 4/2 ए., दौलतपुर, वाराणसी (उ0प्र0) - 221002
                                                                                                                   मो0:- +91 9935599333
 
                                                                                       ई-मेल :- pvchr@pvchr.org, pvchr.india@gmail.com,
                                                                                       बेवसाइट : - www.pvchr.org, www.pvchr.net  
 
 









--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:-  +91-9935599338

Please Visit :-
www.pvchr.org
www.pvchr.blogspot.com

www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com



--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:- +91-9335648060, +91-9935599338
Email:- pvchr.adv@gmail.com,
Upendramsw@gmail.com,Upendramsw@yahoo.co.in,upendra_amit2005@rediffmail.com

http://upendra-fightpovertytogether25.blogspot.com/



Please Visit
www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com

Fwd: थाने में सिपाही ने मासूम के साथ किया दुराचार - मिर्जामुराद (वाराणसी) उत्तरप्रदेश



---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/8/27
Subject: Fwd: थाने में सिपाही ने मासूम के साथ किया दुराचार - मिर्जामुराद (वाराणसी) उत्तरप्रदेश
To: upendra_amit2005@rediffmail.com, upendramsw@gmail.com, upendramsw@yahoo.co.in




---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/8/27
Subject: थाने में सिपाही ने मासूम के साथ किया दुराचार - मिर्जामुराद (वाराणसी) उत्तरप्रदेश
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
Cc: pvchr.india@gmail.com




सेवा मे,                                                                                                                                               दिनांक :- 27 अगस्त, 2011.
           श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
           राष्ट्रीय मानव अधिकार अयोग,
           नई दिल्ली !
 
विषय:- मिर्जामुराद (वाराणसी) उत्तरप्रदेश थाने में सिपाही ने मासूम के साथ किया दुराचार की दुसरी घटना के सन्दर्भ मे ! 
महोदय,
           हम आपका ध्यान  मिर्जामुराद (वाराणसी) उत्तरप्रदेश थाने में सिपाही के द्वारा मासूम के साथ दुराचार की दुसरी घटना के सन्दर्भ मे आकृष्ट कराना चाहूंगा, जहा चार माह से रोक कर रखे गये मूक बधिर मासूम बालक के साथ गुरुवार की रात दुष्कर्म किया गया। पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश में जुटी है। इस मामले को लेकर क्षेत्र में जबर्दस्त तनाव की स्थिति बनी हुई है !
 
           दुराचार का शिकार बालक चार माह पहले पुलिस को मिला था। पुलिस ने उसे चाइल्ड लाइन के हवाले करने की बजाय थाने में रख कर बेगारी शुरू करा दी। वह पुलिसवालों का चाय-पानी लाता और जो मिल जाता खा-पीकर सो जाता था।

           गुरुवार की रात शराब के नशे में धुत एक सिपाही थाने पहुंचा और सो रहे बालक को उठाकर परिसर में ही दुराचार किया।  इस थाने में पहले भी एक बालक से दुराचार की घटना हो चुकी है। नीचे से ऊपर तक के अफसर पूरे मामले से अनभिज्ञता जता रहे हैं। 

           अत: महोदय से निवेदन है कि मामला की गम्भीरता को देखते हुए त्वरित कानूनी कार्यवाही के साथ उक्त थाने पर बाल मज़दूरी कराने की मुकदमा भी चलायी जाए, तथा पीडि.त बालक का पुनर्वासन कराने की कृपा करे !

 (संलग्नक - http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6347342.html

थाने में सिपाही ने मासूम के साथ किया दुराचार

Aug 27, 01:58 am

-चार माह पूर्व मिले मूक बधिर बालक से करा रहे थे बेगारी

-बड़ा सवाल : क्यों नहीं भेजा चाइल्ड लाइन, महकमा सकते में

वाराणसी, जागरण टीम : मिर्जामुराद थाने में चार माह से रोक कर रखे गये मूक बधिर मासूम बालक के साथ गुरुवार की रात दुष्कर्म किया। पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश में जुटी रही। इस मामले को लेकर क्षेत्र में जबर्दस्त सुगबुगाहट रही।

हमारे मिर्जामुराद प्रतिनिधि ने बताया कि दुराचार का शिकार बालक चार माह पहले पुलिस को मिला था। पुलिस ने उसे चाइल्ड लाइन के हवाले करने की बजाय थाने में रख कर बेगारी शुरू करा दी। वह पुलिसवालों का चाय-पानी लाता और जो मिल जाता खा-पीकर सो जाता था।

सूत्रों ने बताया कि गुरुवार की रात शराब के नशे में धुत एक सिपाही थाने पहुंचा और सो रहे बालक को उठाकर परिसर में ही दुराचार किया। इसकी जानकारी कानो- कान थाना प्रमुख के साथ ही सिपाहियों और आसपास के ग्रामीणों को भी हो गयी। हालात की नजाकत को भांपते हुए एसओ धर्मवीर सिंह ने शिनाख्त परेड भी करायी लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ पायी।

बताया जाता है कि इस थाने में पहले भी एक बालक से दुराचार की घटना हो चुकी है। इसी बीच नया मामला सामने आ जाने से पुलिस सकते में आ गयी है। नीचे से ऊपर तक के अफसर पूरे मामले से अनभिज्ञता जता रहे हैं।)                                                                                                                                                                           

                                                                                                                          डा0 लेनिन
 
                                                                                                                         
                                                                                                                          (महासचिव)
                                                                                       मानवाधिकार जननिगरानी समिति (पी0वी0सी0एच0आर0)
                                                                                        पता:- सा. 4/2 ए., दौलतपुर, वाराणसी (उ0प्र0) - 221002
                                                                                                                   मो0:- +91 9935599333
 
                                                                                       ई-मेल :- pvchr@pvchr.org, pvchr.india@gmail.com,
                                                                                       बेवसाइट : - www.pvchr.org, www.pvchr.net  
 
 



--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:-  +91-9935599338

Please Visit :-
www.pvchr.org
www.pvchr.blogspot.com

www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com



--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:- +91-9335648060, +91-9935599338
Email:- pvchr.adv@gmail.com,
Upendramsw@gmail.com,Upendramsw@yahoo.co.in,upendra_amit2005@rediffmail.com

http://upendra-fightpovertytogether25.blogspot.com/



Please Visit
www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com

Fwd: जेलर के दहशत से कैदी की हालात गम्भीर- धनबाद (झारखण्ड)



---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/8/27
Subject: Fwd: जेलर के दहशत से कैदी की हालात गम्भीर- धनबाद (झारखण्ड)
To: upendra_amit2005@rediffmail.com, upendramsw@gmail.com




---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/8/11
Subject: जेलर के दहशत से कैदी की हालात गम्भीर- धनबाद (झारखण्ड)
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com


सेवा मे,                                                                                                                                               दिनांक :- 11 अगस्त, 2011.
           श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
           राष्ट्रीय मानव अधिकार अयोग,
           नई दिल्ली !
 
विषय:- जेलर व जमादार के दहशत से कैदी संतोष को जान माल की सुरक्षा के सन्दर्भ मे- धनबाद (झारखण्ड)!
 
महोदय,
           हम आपका ध्यान झारखण्ड के धनबाद जनपद स्थित चास मण्डलकारा की ओर आकर्षित कराना चाहुगा, जहा संतोष सिंह नामक कैदी निरूध्द है, जिसे जेल के जेलर और जमादार के द्वारा पैसा नही देने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है ! 
           इससे पहले भी जहागीर नामक कैदी का देहांत हो चुकी है, जिसमे उक्त दोनो जेल कर्मचारी का नाम आया है और मामला भी दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक न्याय नही हो पायी ! अभी एक घटना को अंजाम देने वाले दुसरे कैदी को भी मानसिक शोषण के साथ जान से मारने के फिराक मे है ! (संलग्नक - 1, अखबार की प्रतिलिपि)
                      
           कैदी के परिवार वाले जब जान माल की सुरक्षा हेतु गुहार लगये तब जाकर कैदी द्वारा 15 दिनो से अनशन पर रहने की बात सामने आयी, जेल प्रशासन इस मामला को भी दबाये थी !  
           इससे साबित होता है कि जेल मे जेलर और जमादार का सामंती बोलबाला है, कानून मे किसी भी प्रकार का आस्था नही है ! इनकी इस रवैया से कैदी का हालात गम्भीर बनी हुयी है,
           अत: महोदय से निवेदन है कि मामला मे त्वरित हस्क्षेप करते हुये मृतक कैदी जहागीर के मामला मे की गयी पोस्ट्मार्टम की विडियोग्राफी करवायी गयी थी की नही और दर्ज मामले मे कार्यवाही हुयी है की नही की जांच की जाय एवम संतोष सिंह को सुरक्षा के साथ दोषी जेल प्रशासन पर न्यायोचित कार्यवाही करने  की कृपा करे !       
 
 (संलग्नक - 1, अखबार की प्रतिलिपि)!                                                                                                                                                                            
                                                                                                                          डा0 लेनिन
 
                                                                                                                         
                                                                                                                          (महासचिव)
                                                                                       मानवाधिकार जननिगरानी समिति (पी0वी0सी0एच0आर0)
                                                                                        पता:- सा. 4/2 ए., दौलतपुर, वाराणसी (उ0प्र0) - 221002
                                                                                                                   मो0:- +91 9935599333
 
                                                                                       ई-मेल :- pvchr@pvchr.org, pvchr.india@gmail.com,
                                                                                       बेवसाइट : - www.pvchr.org, www.pvchr.net  
 
 






--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:-  +91-9935599338

Please Visit :-
www.pvchr.org
www.pvchr.blogspot.com

www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com



--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:- +91-9335648060, +91-9935599338
Email:- pvchr.adv@gmail.com,
Upendramsw@gmail.com,Upendramsw@yahoo.co.in,upendra_amit2005@rediffmail.com

http://upendra-fightpovertytogether25.blogspot.com/



Please Visit
www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com

Fwd: डायन प्रथा :- अन्धविश्वास के नाम पर चार की बलि - झारखण्ड



---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/8/27
Subject: Fwd: डायन प्रथा :- अन्धविश्वास के नाम पर चार की बलि - झारखण्ड
To: upendra_amit2005@rediffmail.com, upendramsw@gmail.com, upendramsw@yahoo.co.in




---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/7/29
Subject: डायन प्रथा :- अन्धविश्वास के नाम पर चार की बलि - झारखण्ड
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com


   

सेवा मे,                                                              29 जुलाई 2011

      अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

   नई दिल्ली,भारत

विषय:- डायन प्रथा, अन्धविश्वास के नाम पर चार की बलि 

महोदय,

    हम आपका ध्यान झारखण्ड के लोहरदगा स्थित हंटरगंज के मुर्की तोडार पंचायत के ठकरू उराव (साल- 60 ) व उनकी पत्नी तेतरी उराव (साल-55) तथा जबडा के चिरैयाटाड. के जीतन मान्झी व उनकी पत्नी कपूरवा देवी की हत्या डायन बताकर की गयी, इस वर्ष लगभग 150 मामले इस तरह के सम्बन्धित राज्य मे घट चुका है, पुलिस थाने मे 1200 मामले दर्ज भी है, फिर भी नर बलि रुकने का नाम नही ले रही है, इस कुप्रथा से राज्य के कई जिले प्रभावित है!  
   अत: महोदय से निवेदन है कि उक्त मामले मे कार्यवाही करते हुये दिशा निर्देश जारी करने की कृपा करे!
 
                                                                                                                              डा0 लेनिन
 

                                                                                    (महा सचिव)

सलग्नक –1- अखबार की कतरन                         मानवाधिकार जन निगरानि समिति
                                                     एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
                                                         मोबा.न0:+91-9935599333

                                        pvchr.india@gmail.com

                                                                                                                       www.pvchr.org       

                                                                 www.pvchr.net 


 

 



--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:-  +91-9935599338

Please Visit :-
www.pvchr.org
www.pvchr.blogspot.com

www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com



--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:- +91-9335648060, +91-9935599338
Email:- pvchr.adv@gmail.com,
Upendramsw@gmail.com,Upendramsw@yahoo.co.in,upendra_amit2005@rediffmail.com

http://upendra-fightpovertytogether25.blogspot.com/



Please Visit
www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com

Thursday, August 11, 2011

Shots inside Bihar prisons : EYE OPENER

Shots inside Bihar prisons : EYE OPENER



Wednesday, August 10, 2011

Monday, August 1, 2011

दलित मुसहर बस्ती मे पीने योग्य पानी के लिये एक हैण्डपम्प भी नही नसीब मे - वाराणसी / PVCHR

http://www.scribd.com/fullscreen/61421912?access_key=key-1v3fc11fd6ziwx0u50tq

दलित मुसहर बस्ती मे पीने योग्य पानी हेतु एक हैण्डपम्प की जरूरत- वाराणसी / PVCHR

सोनपुरवा गांव के मुसहर समुदाय के पास राशन कार्ड,पानी नही है ओर मेडो से होकर मड.ई तक जाना पड.ता है.

http://www.scribd.com/fullscreen/61362310?access_key=key-1gn2mzzzd5mivr0ze4ea

अनुसूचित जाति के अति गरीब मुसहर समुदाय आज भी फाकाकशी के है शिकार - वाराणसी / PVCHR