नई दिल्ली,भारत !
विषय :- एक वर्षीय दलित बालक अंशु की आग से झुलसने से मौत हो गई के सन्दर्भ मे.
महोदय,
हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश मे आज़मगढ जनपद के रौनापार थाना क्षेत्र के हैदराबाद दलित बस्ती में रविवार की दोपहर एक रिहाइशी मड़ई में आग लग गई की ओर आकृष्ट कराना चाहूंगा ! जहा एक वर्षीय दलित बालक अंशु की आग से झुलसने से मौत हो गई, उपरोक्त मामला अखबार मे छपी है,
संलगनक - 1 ( http://www.amarujala.com/city/Azamgarh/Azamgarh-52015-56.html )
मृतक बच्चे के परिजन अति गरीब है, किसी तरह से काम मिलने पर घर का चूल्हा जल पाता है, अंशु पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा था, माता - पिता उस दौरान काम करने गये हुए थे, जब तक आग पर काबू पाया जाता तब तक यह अनहोनी घटना घट चुकी थी !
शासन - प्रशासन द्वारा गरीबो के लिए अनेक परियोजना चलायी जा रही है, लेकिन उसका क्रियांवयन कैसे किया जाय यह एक सवाल आज भी खडी हो रही है, अगर आवास योजना के तहत यह दलित परिवार लाभांवित होता, तब आग लगने की नौवत हो सके नही होती और मनरेगा के तहत भी इस दलित परिवार को घर के आस पास या काम के जगह बच्चो के खेलने - रहने की सुविधा होती तो घटना को रोकी जा सकती थी.
जिन दलित बस्तियो मे इस तरह की घटना घटती है, वहा लगभग पूरा समुदाय एक दिन की रोटी की व्यवस्था हेतु पलायन करने पर विवश है. सुविधाए अनेक लेकिन जमीनी हकीक़त कुछ और होता है, और इस तरह की घटनाए पोल खोलती है !
अत: महोदय से निवेदन है कि मामला को स्वत: संज्ञान मे लेते हुए पीडित दलित परिवार को मुआवजा प्रदान कराते हुए इस तरह की घटनाओ को रोकने के लिए दिशा - निर्देश जारी करने की कृपा करे !
डा0 लेनिन
(महा सचिव)
मानवाधिकार जन निगरानि समिति
एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
मोबा.न0:+91-9935599333
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www.pvchr.net
संलगनक :- 1.
आग का गोला बना मासूम, |
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Story Update : Monday, January 30, 2012 12:01 AM |
लाटघाट। रौनापार थाना क्षेत्र के हैदराबाद दलित बस्ती में रविवार की दोपहर एक रिहाइशी मड़ई में आग लग गई। जब तक आग पर काबू पाया जाता कि पांच मड़इयां जल कर राख हो गईं। मड़ई में आग लगने से जहां हजारों रुपये के कीमती सामान जलकर राख हो गया। वहीं मड़ई के अंदर बंधी एक भैंस और चारपाई पर सो रहे एक वर्षीय बालक भी आग से झुलसने से मौत हो गई। घंटों मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने आग पर काबू पाया। रौनापार थाना क्षेत्र के हैदराबाद दलित बस्ती निवासी सहेंद्र राम पुत्र कुल्लू राम रविवार को गांव के ही किसी व्यक्ति के यहां काम करने गया था। जबकि उसकी पत्नी निशा बेटे अंशु को मड़ई में चारपाई पर सुलाकर खेत में चली गई थी। घर पर उसकी चार पुत्रियां मौजूद थीं, जो घर के बाहर खेल रही थीं। इसी दौरान अचानक मर्ड़ई में आग लग गई। लपटें देख सहेंद्र की पुत्रियां जोर-जोर से चिल्लाने लगी। आसपास के लोग जब तक मौके पर पहुंचते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आनन-फानन में किसी तरह आग पर काबू पाया गया तब तक पांच मंडइयां और अंदर रखे हजारों रुपये के सामान जलकर राख हो गए। इस आपाधापी में किसी को अंशु का ख्याल नहीं रहा। इधर घटना की जानकारी होते ही सहेंद्र और निशा दोनों भागकर घर पहुंचे और आग से झुलसे बेटे अंशु को ढूंढने लगे। मासूम का शव राख के ढेर में पड़ा हुआ था। घटना से व्यथित सहेंद्र और निशा समेत अन्य का रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना में सहेंद्र की दो और उसके भाई महेंद्र की तीन मड़इयां जल कर राख हो गईं। आग कैसे लगी यह पता नहीं चल सका। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे रौनापार थानाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने शव कब्जे में ले लिया। बता दें कि अंशु पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा था। सबसे बड़ी खुशबू (10), नोहरी (8), काजल (7), मनीषा (3) है। एकलौते बेटे की मौत से परिजनों में कोहराम मचा है। |
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