From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2012/6/5
Subject: Most urgent : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के दुद्धी ब्लाक के जोरकहू गांव की 55 साला भगिया को डायन घोषित कर गांव से बाहर जाने को कह दिये जाने के सन्दर्भ मे !
To: ncw@nic.in, complaintcell-ncw@nic.in
Cc: lenin@pvchr.asia
महोदया,
विषयक के सन्दर्भ मे आपका ध्यान आकृष्ट कराना चन्हुंगा, जहा के एक वृद्ध महिला को डायन कह कर उत्पीडन किया जा रहा है, वहा के जनप्रतिनिधि यानि विधायक से प्रधान तक इस मामले मे अगम्भीर हो कर अपना पल्ला झाड. रहे है, और खबर छपने तक किसी भी स्थानीय प्रशासन द्वारा मामले मे हस्तक्षेप नही की गयी है, स्थानीय पुलिस भी मामले से अभी तक अनभिज्ञता जाहिर कर रही है, जो की महिलाओ के अस्मिता को संरक्षण को लेकर दुखद है. आज भी आधी आबादी की मानवाधिकार हनन की मामला इसी कु - प्रथा के कारण मानवता शर्मशार है.
इस मामले मे अभी भी महिला को डायन कह कर गांव से बाहर करने के लिए उत्पीडन किया जा रहा है !
महोदया आज भी आधी आबादी की मानवाधिकार हनन की मामला इसी कु - प्रथा के कारण मानवता शर्मशार है, इसलिए मामले मे पीडित महिला और उसके परिवार को त्वरित सुरक्षा और सम्मान हेतु व्यवस्था की जाए !
अतः आप से अनुरोध है कि कृपया इस मामले को संज्ञान मे लेते हुये इस पर त्वरित कार्यवाही का आदेश दे ताकि समाज मे फैली कु - प्रथा के तोडते हुए न्याय की व्यवस्था लागू हो और सम्मानपूर्ण जीवन के जीने की व्यवस्था बने तथा मुआवजा के साथ मामले के पीडित परिजन के साथ गवाहो को सुरक्षा के साथ सम्भावित दोषियो पर कानूनी कार्यवाही की जाए !
संलगंक : -
'विधायक जी अबहीं भूत नहिनी उतरल'
•मनोज श्रीवास्तव
लखनऊ। सोनभद्र के नक्सल प्रभावित दुद्धी ब्लाक के जोरकहू गांव की 55 साला भगिया को डायन घोषित कर गांव से बाहर जाने को कह दिया गया है। उसे एक दर्जन लोगों सहित तमाम जानवरों की मौत का दोषी भी बताया गया है। भगिया के दोनों बेटे बूढ़ी मां को घर से निकालने को तैयार नहीं है।
मामला पहले पुलिस फिर स्थानीय विधायक रूबी प्रसाद की चौखट पर पहुंचा। भगिया को किसी ओझा के पास ले जाकर भूत उतरवाने की सलाह देकर विधायक ने बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की। विधायक की सलाह पर उसे देवास (जहां ओझा भूत झाड़ता है) में एक हफ्ता बिताने के लिए भेजा गया। पर गांव वालों का कहना है कि भगिया का भूत नहीं उतरा है, अभी भी शरापती (श्राप) रहती है, वे उसे गांव से बदर करने पर उतारू हैं। टकराव की स्थिति बन रही है। परेशान गांव वाले, जिनमें आदिवासियों की संख्या अधिक है, सत्र में भाग लेने लखनऊ आईं विधायक को फोन करके कहते हैं कि 'विधायक जी कुछ करऽ, अबहीं भूत नहिनी उतरल।'
जोरकहू गांव में पिछले एक साल के दौरान जानवरों व मनुष्यों की मौत की कुछ घटनाएं हुईं। गांव वालों का माथा ठनका और घटनाओं की वजह भूत-प्रेत का प्रकोप मान लिया गया और शक भगिया पर किया।
शेष पेज 16 पर
•गांव वाले दर्जन भर लोगों और जानवरों की मौत का जिम्मेदार मानते हैं भगिया को
ऐसी घटनाएं जब-तब इस आदिवासी बहुल पिछड़े इलाके में होती रहती हैं। विधानसभा में मुद्दा उठाकर सरकार की ध्यान इस पिछड़ेपन की तरफ खींचने की कोशिश करूंगी
-रूबी प्रसाद. विधायक दुद्धी
भगिया की वजह से गांव को बहुत नुकसान हो चुका है। गांव की बेहतरी के लिए आवश्यक है कि वह अब बाहर चली जाए। वरना गांव को और बड़ी विपदाओं का सामना करना पड़ेगा।
-चंद्रिका प्रसाद, निवासी, जोरकहू
निजी तौर पर मैं भूत-प्रेत जैसी किसी चीज पर विश्वास नहीं करता। पर आदिवासी बहुल गांव में लू लगने या पेट खराब होने पर भी लोग पहली उंगली भूत व जादू टोटकों की तरफ उठाते हैं।
-राजकुमार सिंह, प्रधान, जोरकहू
भगिया
प्रथम पेज के शेष
विधायक जी...
शक पुख्ता करने के लिए गांव के लोग 17 अप्रैल को जिले की सीमा से लगे झारखंड के सिंघी ताली (देवास) गांव गए, जहां ओझा लोग भूत प्रेत उतारने का काम करते हैं। वहीं एक ओझा ने बताया कि भगिया नामक औरत पर भूत-प्रेत आते हैं और उसी की वजह से गांव में असामयिक मौतें हो रही हैं, आगे और विपदाएं आ सकतीं हैं। बस भगिया आ गई निशाने पर। गांव के 9 परिवारों को भगिया के प्रकोप का शिकार बताया गया। गांव वालों ने उसके बेटों से भूत उतरवाने को कहा। बेटों ने पहले तो हामी भर दी पर बाद में कहने लगे कि वे गांव छोड़कर नहीं जाएंगे। मां को भी नहीं छोड़ूेंगे। इस पर गांव वालों ने पहले पुलिस से फरियाद की। पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया, पर मारपीट के भय से लोग पुलिस के पास नहीं गए। मामला विधायक के पास पहुंचा। गांव वालों ने बाकायदा भगिया मामले की लिखित शिकायत विधायक से की। विधायक ने दोनों पक्षों की उपस्थिति में तीन घंटे पंचायत कराई। बकौल विधायक, पंचायत में भगिया से जब उस पर लगे इल्जामों के बारे में पूछा गया तो उसने बड़े ही कातर भाव से कहा कि 'कहां कऽ भूत, कहां कऽ परेत, हियां तऽ पेट पै लाला पड़ल बाऽ।' पर पंचायत में उसके बेटों के अलावा कोई व्यक्ति उसकी सफाई पर कान देने को तैयार नहीं था। विधायक ने भी पहले भूत-प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती है, कहकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की पर खासतौर से आदिवासी इस तरह की बात सुनने तक को तैयार नहीं थे। माहौल देख विधायक ने भी दबाव नहीं बनाया और कहा कि भगिया देवास (सोनभद्र की सीमा से लगा झारखंड का सिंधीताली गांव जहां ओझा भूत-प्रेत झाड़ते हैं) जाकर भूत उतरवा ले। भगिया देवास से होकर आई है। पर गांव वाले कह रहे हैं कि उसका भूत नहीं उतरा है। साथ ही विधायक पर दबाव बना रहे हैं कि वह समस्या का निराकरण करवाएं, अन्यथा उनके गांव में विपदाओं का दौर जारी रहेगा। विधायक खुद को धर्मसंकट में महसूस कर रही हैं। एक तरफ भगिया की कातर भाव से देखती आंखे हैं तो दूसरी तरफ बाहरी दुनिया से काफी कुछ अनजान और अंधविश्वास में जकड़ा आदिवासी समाज। गांव वाले धमकी भरे सुर में बोल रहे हैं कि अगर भगिया जल्द ही गांव से बेदखल न हुई तो वे पंचायत के जरिए कोई निर्णायक कदम उठाएंगे।
www.pvchr.asia
--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:- +91-9335648060, +91-9935599338
Email:- pvchr.adv@gmail.com,
Upendramsw@gmail.com,Upendramsw@yahoo.co.in,upendra_amit2005@rediffmail.com
http://upendra-fightpovertytogether25.blogspot.com/
Please Visit
www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com
No comments:
Post a Comment