... किसी मानव को ठोक दिया गया, कानून के राज में...
शुरू हो गया, आरोप-प्रत्यारोप।
वाह! वाह!
तभी नग्न आंखों से आवाज आया...
कितने भेड़िया है
नही पता हुज़ूर,
भेड़िया ही है या सियार
अभी पता कर रहे है साहब।
अच्छा, ये बताओ कि कितने पकड़ाए,
एक लगड़ा बचा है।।
ओह, कब तक पकड़ा जाएगा,
अभियान चल रहा है हुज़ूर।।।
लोंगो को मारा, कितने को काटा है,
चलो, जल्दी करो-पता करो क्या है...
दरबार खाली, सन्नाटा ही सन्नाटा।
तभी कई आवाजें आए...
कानून तो खोद देता पाताल तक,
हिंसक पशु न पकड़ाए आज तक,
क्या बहराइच क्या कलकत्ता...
देखो सुल्तानपुर और आसपास।
महादेव।।। श्रीहरि।।। हरि ॐ।।। श्रीं।।।
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