Come ! We also come in this category ?
कर्णधारो से हमेशा अपेक्षा रही कि बन्द करो, लेकिन हमे क्या मालूम उससे रोजी-रोटी जुडी है.. ! बस यही चुप हो जाना पडता है कि बूरा न लगे उनको, क्योकि कल वे हमारे कुछ काम आये ?
इसके बाहर जीना मुश्किल है......, बह रहे बयारो का अनुभव रोज़ होता है, और बस शिशकिया दिल से निकलती है तथा दिमाग गहरी सोचमे....!
कर्णधारो से हमेशा अपेक्षा रही कि बन्द करो, लेकिन हमे क्या मालूम उससे रोजी-रोटी जुडी है.. ! बस यही चुप हो जाना पडता है कि बूरा न लगे उनको, क्योकि कल वे हमारे कुछ काम आये ?
इसके बाहर जीना मुश्किल है......, बह रहे बयारो का अनुभव रोज़ होता है, और बस शिशकिया दिल से निकलती है तथा दिमाग गहरी सोचमे....!
No comments:
Post a Comment