Friday, July 4, 2014

Come ! We also come in this category ? बह रहे बयारो का अनुभव रोज़ होता है, और बस शिशकिया दिल से निकलती है

Come ! We also come in this category ?


कर्णधारो से हमेशा अपेक्षा रही कि बन्द करो, लेकिन हमे क्या मालूम उससे रोजी-रोटी जुडी है.. ! बस यही चुप हो जाना पडता है कि बूरा न लगे उनको, क्योकि कल वे हमारे कुछ काम आये ?
इसके बाहर जीना मुश्किल है......, बह रहे बयारो का अनुभव रोज़ होता है, और बस शिशकिया दिल से निकलती है तथा दिमाग गहरी सोचमे....!

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