कलयुग के पहले लोग अपने वचन से बंधे रहते थे।
इसीलिए धार्मिक पांडव को अधर्मियों के साथ लम्बा युद्ध करना पड़ा और कई अप्रिय और यश-रहित मार्ग अपनाने पर मजबूर होना पडा। पहले धर्मं का अनुसरण होता था निर्वाहन होता था। अब ज्यादा नफ़ा नुकसान देख कर संवहन किया जाता है।
इसीलिए धार्मिक पांडव को अधर्मियों के साथ लम्बा युद्ध करना पड़ा और कई अप्रिय और यश-रहित मार्ग अपनाने पर मजबूर होना पडा। पहले धर्मं का अनुसरण होता था निर्वाहन होता था। अब ज्यादा नफ़ा नुकसान देख कर संवहन किया जाता है।