Friday, February 21, 2014

यही एक रस्ता है !

मूल अधिकार या गैर - मूल अधिकार कानूनो और व्यवस्थाओ द्वारा कभी भी प्राप्त नही किया जा सकता, समाजिक संवेदना, सामंजस्य, समरसता, संबन्ध के द्वारा ही अधिकारो को भोगा जा सकता है !
यही एक रस्ता है !

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